तिंछा फ़ॉल
प्रस्तुति ..... हर्षिता लड्ढा
हम सभी स्काउट, गाइड और सर ९.३० से परसरामपुरिया से निकल गए थे...बीच में रालामंडल आया फिर माताजी का एक मंदिर आया,वहां पर दर्शन करके तिंछा फ़ॉल के लिए निकले...बीच में एक गाँव आया वहां पर कुछ लोग हैंडपंप से पानी भर रहे थे,कुछ बच्चे खेल रहे थे....तिंछा फ़ॉल पहुंचकर हमने गिनती करी फिर चित्राक्षी,सर और बिंदिया मैम के जन्मदिन का केक कटा और नाश्ता करा...फिर निचे उतरे और पहाड़ी पर चढ़े ,वहां पर जंगल में हमने छुप्पा-छुप्पी खेली और एक north,south,east,west का गेम खेला...वहां पर हमने एक गीत सिद्धिकी सर से सीखा "दो मेंढक "उसे गाने के बाद कुणाल सर ने हमें एक बात बताई कि जब उनके सर पहाड़ी पर ले जाते थे तो पानी की बोटल लेकर ऊपर नहीं जाने देते थे वो जब निचे आते थे तभी पानी पीते....फिर हम लोगों ने एक और गाना गाया "तन्नक सुपारी हमें दयों " फिर डांस करा...उसके बाद हम लोग नहाने गए और नहाने के बाद हम लोग पहाड़ के ऊपर चढ़े फिर खाना खाया और कार में बैठकर परसरामपुरिया गए और वहां से घर गए..
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