रोमांचक हाइक " तिंछा फ़ॉल " प्रस्तुति :- अग्रज मिश्र .... wonderful hike "tinchafall"....by agraj mishra.......
रोमांचक हाइक " तिंछा फ़ॉल "
प्रस्तुति :- अग्रज मिश्र
जिस दिन मुझे पता चला कि अगले रविवार हमारी हाइक "तिंछा फ़ॉल" जाने वाली है, तो मैं बहुत उत्साहित होउठा..बड़े दिनोंबाद एक अच्छी जगह जाने को मिलेगा,पूरे हफ्ते यही सोचता रहा...उस दिन मैं बहुत ही हर्ष औरउल्लास के साथ परसरामपुरिया स्कूल गया....यहाँ पर हर रविवार हमारा ग्रुप लगता है....वहां रजिस्ट्रेशन कियाफिर वहां से हम सब को लेकर ५गाड़ियाँ तिंछा फ़ॉल के लिए निकली...दो गाड़ियाँ आगे खंडवा रोड वाले रास्ते से निकल गयी बाकी ३ गाड़ियाँ रालामंडल वाले रास्ते से तिल्लौर में दुर्गा माँ के दर्शन करते हुए गयी....मंदिर में ही निचले कक्ष में तांत्रिक गतिविधि भी होती है...दर्शन करने के बाद सब स्काउटिंग के निनाद लगते हुए तिंछा फ़ॉल की तरफ बड़े...वहां पर पहुंचकर देखा कि हमारी दोनों गाड़ियाँ खढी हुई है और सुनील सर नीचे जाकर निरिक्षण करके आ चुके हैं...थोडा आराम करके एक छाँव वाली जगह ढूंढी...उसी दिन कन्तिलालजी सर,बिंदिया मेमऔर हमारी गाइड चित्राक्षी का जन्मदिन था...बिंदिया मेम किन्ही कारणों कि वजह से आ नहीं पायी..सबका जन्मदिन मनाकर नाश्ता किया...नाश्ते में थे बेक समोसा और चिप्स...सारे बच्चों ने दोनों चीजे दो दो बार ली...केक भी सारा ख़त्म हो गया,बड़ों को तो मिला ही नहीं...पर सारी मिठाइयाँ बच गयी...फिर हम आगे बड़े..जब हम नीचे उतरने लगे तो वहां के पोलिस वालों ने बोला कि नीचे जाना हम लोगों के लिए सुरक्षित नहीं रहेगा क्योंकि हमारे साथ बहुत से छोटे बच्चें है...थोड़े और आगे जाकर कुणाल सर ने लुका-छिपी खिलाई...उन्होंने सारे बच्चों को छिपने के लिए बोल दिया और हम ६ बच्चों को दाम देने का बोल दिया...जब सारे बच्चें छुप गए तो उन्होंने हमें बोला कि हम ५ मिनिट के लिए दूर जाकर बैठ जाए...हम सब बैठ गए और बाकी सब बच्चें हमारा इन्तजार करते रहे...उसके बाद कुणाल सर ने हमारी ८ सदस्यों कि टोली बनाकर उन्हें ८ दिशाएं याद करने का बोला...फिर हम सब को सिद्धिकी सर ने गीत गवाए...उसके बाद हम नहाने के लिए चले गए...वहां पर सब ने बहुत आनंद लिया...तभी वहां एक आदमी भागता हुआ दिखाई दिया और उसके पीछे और आदमी...पता चला कि वह एक चोर था और उन आदमियों का केमेरा लेकर भाग रहा था...उसके बाद माहौल थोडा थोडा गरम हो गया...पर फिर थोड़ी देर में सब पहले जैसा हो गया...नहाने के बाद ऊपर सब खाना खाने आ गए...ऊपर आकर देखा की उस चोर को पुलिस ने पकड़ लिया है...मैंने यह भी देखा की लोग कितना गलत फायदा उठाते है..वहां एक आदमी ५० पैसे के पानी के पाउच को ५ में ३ के भाव से बेच रहा था....फिर सब ने खाना खाया...ऐसे खाना तो रोज खाते है पर ऐसे सारे दोस्त एक गोले में बैठकर साथ में मिल बांटकर खाए उसका मजा ही कुछ और है...खाना खाकर सबने एक दुसरे से अलविदा ली गाड़ी में बैठकर अपने अपने घर के लिए निकल गए...आते आते सारे रास्ते यही सोचता रहा कि काश इस अद्भुत जगह पर मैं एक और बार आऊं.....
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